श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय मंडी के बाहर प्रदर्शन, श्रम मंत्री को भेजा ज्ञापन
बोर्ड के रुके लाभ जारी करने और मनरेगा की मज़दूरी बढ़ाने की उठायी मांग
मनरेगा और निर्माण मज़दूर यूनियन के राज्यव्यापी आह्वान पर आज श्रम कल्याण अधिकारी कार्यालय मंडी के बाहर सीटू से सबंधित निर्माण व मनरेगा मज़दूर यूनियन ने प्रदर्शन किया।जिसका नेतृत्व सीटू महासचिव राजेश शर्मा और निर्माण यूनियन के गोपेन्द्र शर्मा,सुरेश सरवाल और पुष्प राज ने किया।प्रदर्शन के बाद जिला श्रम कल्याण अधिकारी अनिल ठाकुर के माध्यम से श्रम मंत्री व बोर्ड के अध्यक्ष कर्नल धनी राम शांडिल को भेजा।राज्य सरकार को माँगपत्र भेजे गए।आज भेजे गए माँगपत्र में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मज़दूरों को मिलने वाली सहायता और उन्हें बोर्ड के साथ पंजीकृत करने के काम को वर्त्तमान सुखू सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन यानी 12 दिसम्बर 2022 से रोक दिया है जिसे अभी तक भी बहाल नहीं किया गया है।बोर्ड में पिछले तीन साल की 50 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता रोक दी है जिसमें मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा, प्रसूति, अपंगता, मृत्यु व पेंशन इत्यादि के रूप में मिलने वाली सहायता राशी शामिल है।यही नहीं सरकार ने बोर्ड के साथ पंजीकरण कराने के लिए मज़दूरों को सेस-उपकर जमा कराने की शर्त लगा दी है और अब किसी भी मज़दूर का पंजीकरण नहीं हो रहा है।यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष राजेश शर्मा ने इसे सुखू सरकार का मज़दूर विरोधी फैसला बताया है और जब एक तरफ़ में प्रदेश में आई आपदा के मज़दूरों को आर्थिक रूप में तंगी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन उसी समय सरकार ने जो मज़दूरों को सहायता मिलती भी थी वह भी बन्द कर दी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च माह में पारित बजट में मनरेगा मज़दूरों को दिहाड़ी 212 से बढ़ाकर 240 की घोषणा की थी जो चार महीने बीत जाने के बाद भी लागू नहीं कि गयी है और अब दो दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में फ़िर से यही घोषणा की गई है।यहीं नहीं सरकार ने अभी तक मनरेगा के लिए इस साल अपना शेयर जारी नहीं किया है और मजदूरों को वर्तमान में 198 रु दिहाड़ी मिल रही है।मनरेगा में काम नहीं मिल रहा है।कहने के लिए सरकार ने जुलाई माह में हुई भारी बारिश के कारण घरों के आसपास डंगे लगाने के लिए भी मनरेगा योजना में कार्य करने के लिए घोषणा की थी लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो रहा है।उसके बाद अगस्त माह में फिर से भारी बारिश हुई है और बहुत ज्यादा नुक़सान हुआ है लेकिन इसकी भरपाई व मदद जो कुछ मनरेगा योजना के तहत की जा सकती है वह भी नहीं हो रही है।इसलिए यूनियन ने आज भेजे ज्ञापन में सरकार को एक माह के भीतर बोर्ड के रुके लाभ जारी करने औऱ पंजीकरण प्रक्रिया बहाल करने और मनरेगा में काम तथा घोषित दिहाड़ी 240 रु अप्रैल माह से जारी करने की मांग की है अन्यथा यूनियन सितंबर माह में इसके लिए ज़िला व खण्ड स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें