धर्मशाला विधानसभा प्रदर्शन के उपरांत अपने वायदे ,भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को लागु करने व चार गुना मुआवजा देने को पूरा करे सरकार: भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच
सयोंजक, जोगिन्दर वालिया ने कहा की हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा मुख्यता फोरलेन व रेलवे लाइन हेतु भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है इनमें भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा) को हिमाचल सरकार लागु नहीं कर रही है जबकि श्री नरेंद्र मोदी व केंद्र की सरकार भूमि अधिग्रहण कानून,2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा, पुनर्वास व पुनर्स्थापना को लागु करने को राजी है जबकि साथ लगते राज्य उत्तराखंड में चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है और हमारी डबल इंजन सरकार कौड़ियों के भाव जमीन लेकर किसानों कों बर्बाद करने पर तुली हे फोरलेन के प्रभावित पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार सरकार को अपने घोषणा पत्र को लागु करने की मांग करते आ रहे हें लेकिन जयराम सरकार इसको लागु नहीं कर रही हे और कमेटी पर कमेटी बना कर फैसले को लगातार टालमटोल कर रही है उल्टे एक 3 सदस्य नई कमेटी का गठन कर दिया गया हे जिसकी पिछले 2 महीने से कोई बैठक नहीं की गई है और सरकार लगातार भूमिअधिग्रहण कानून को लागु करने में आना-कानी व टाल मटोल कर रही है। इस कारण हिमाचल के किसानों में भारी गुस्सा है और सरकार के खिलाफ पुरे प्रदेश में एक व्यापक प्रदेश स्तरीय भूमि-अधिग्रहण प्रभावित एकजुटता बनाने हेतु भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच बनाया गया है और लगातार प्रभावितों की मुख्य मांग भूमि अधिग्रहण कानून को लागु करने की आवाज उठाता रहेगा और इसके लिए आने वाले दिनों में अन्य संगठनों से मिलकर प्रदेश स्तरीय आन्दोलन विकसित किया जायेगा
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के अध्यक्ष श्री बी आर कौंडल ने कहा कि प्रभावित किसानों का प्रतिनिधिमंडल 14 दिसम्बर को धर्मशाला में आयोजित रैली के उपरांत विधानसभा के अन्दर राजस्व मंत्री. श्री मोहिंदर ठाकुर से अपनी मांगों को लेकर मिला था जिसमे भूमि अधिग्रहण कानून,2013 को लागु करवाने, चार गुना मुआबजा,1 अप्रैल,2015की अधिसुचना कों निरस्त करनेब पुनर्वास व पुनर्स्थापना के मुद्दे पर 30 जनबरी तक जिला सत्रीय बैठकें करने का वायदा दिया गया था लेकिन अभी तक कोई बैठक नहीं की गई हे जिसके कारण किसानों में भारी रोष हे । इसके अलवा मंडलायुक्त द्वारा भूमि अधिग्रहण के एक साल से लंबित मुद्दों को खारिज करते हुए दलील दी गई कि एक साल बीत जाने के बाद उन पर कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इस प्रकार सरकार किसानों को मंडलायुक्त के माध्यम से दोहरी मार मार रही है। उन्होंने कहा कि अगर कमेटी सदस्य 28 फरवरी तक प्रभावित किसानों के मिलने के वायदे को पूरा नहीं करती है, तो केबिनेट-सब कमेटी के सदस्यों का उनके जिला/विधानसभा क्षेत्र में उनके खिलाफ मार्च में प्रभावित किसान अपना विरोध प्रकट करेंगे
सहसयोंजक, नरेश कुकू ने कहा की भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच, श्री जयराम सरकार से मांग करता हे की समय रहते हिमाचल में स्थानीय जनता को टोल टैक्स में रियात/दुकानदारों के इज़मेंट राइट्स ,मार्केट रेट व एक बराबर मुआवजा , प्रस्तावित सड़क के बाहर परियोजना से प्रभावित मकानों, जमीन का नुकसान का मुआवजा देने, 50 मीटर टीसीपी लागु करने को निरस्त किया जाये, मंडलीय न्यायलय में लंबित जमीन अधिग्रहण के मामलों की निर्धारित समय सीमा में सुनवाई कि जाये वर्ना जेसे हाल ही उप चुनाव में जनता ने अपना ट्रेलर दिखा दिया हे और आने बाले 2022 के चुनाव में पूरी पिक्चर बनने की तैयारी में किसान इस सरकार को चलता करेगी
अध्यक्ष बेलीराम कोंडल, सयोंजक जोगिन्दर वालिया के इलाबा,सहसयोंजक नरेश कुकू, प्रशांत मोहन ,यशवंत गुलेरिया, हरी सिंह सैनी,योगेश कुमार व राज कुमार वर्मा आदि ने हिस्सा लिया
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