फ़ॉलोअर

गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

ग्राम रोजगार सेवकों को पड़े वेतन के लाले बोले मंहगाई के दौर में परिवार चलना हो रहा मुश्किल विभाग में समायोजित करने की भी उठाई मांग सुंदरनगर। हिमाचल प्रदेश में तैनात ग्राम रोजगार सेवकों को कुछ विकास खंडों में पिछले दो-तीन महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। इस वजह से अब ग्राम रोजगार सेवकों को अपने परिवार का खर्चा चलाने में और बच्चों की फीस देने जैसी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ग्राम रोजगार सेवकों की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा को और विभाग के द्वारा दी जाने वाली अन्य डयूटी को बड़ी ईमानदारी से दिन रात सेवाएं दे रहे हैं। ग्राम रोजगार सेवक कोविड के दौरान भी दिन.रात पंचायतों में ड्यूटी देते हैं। जब भी विभाग में वेतन के संदर्भ में बात की जाती है तो वहां से कहा जाता है कि अब ग्राम रोजगार सेवकों के खाते ऑनलाइन किए जा रहे हैं और उसके बाद सीधे ग्राम रोजगार सेवकों के खाते में पेमेंट पड़ेगी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवराज ठाकुर का कहना है कि अगर पिछले दो.तीन महीने से ऑनलाइन प्रक्रिया हल नहीं हो रही है। तो संघ ने विभाग से आग्रह है कि सभी विकास खंडों को निर्देश शीघ्र अति शीघ्र जारी किए जाएं कि सभी ग्राम रोजगार सेवकों, कंप्यूटर ऑपरेटर और कनिष्ठ लेखाकार को फिलहाल ब्लॉक के दूसरे हेड से वेतन दिया जाए या कोई दूसरा हालत ढूंढा जाए। जिससे वेतन के संदर्भ में बार बार आ रही समस्या से जुझना न पड़े और सभी कर्मचारी समय पर वेतन लेकर अपने परिवार का गुजारा कर सके। प्रदेश अध्यक्ष शिवराज ठाकुर का कहना है ग्राम रोजगार सेवक संघ बार.बार सरकार और विभाग से ग्रामीण विकास विभाग में रिक्त पड़े पदों के विरुद्ध समायोजित करने की मांग कर रहे हैं ताकि ग्राम रोजगार सेवकों को दूसरे विभागों के कर्मचारियों की तरह हर महीने पहली तारीख को वेतन भी और अन्य विभागीय फायदे मिल सके। ग्राम रोजगार सेवकों को ग्रामीण विकास विभाग के रिक्त पड़े पदों में समायोजित करने पर सरकार पर कोई भी वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। क्योंकि इन रिक्त पड़े पदों के लिए सरकार द्वारा वित्तीय प्रबंधन पहले से ही किया जा चुका है। राज्य स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक गुगल मीट के माध्यम से हई। जिसमें ग्राम रोजगार सेवक संघ के महासचिव सुनील चौहान मुख्य सलाहकार यशवंत ठाकुर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार सलाहकार वीरेंद्र विंटु, उपाध्यक्ष बालक राम,, डोलमा राम, राम गोपाल शर्मा, देवेंद्र वर्मा सह सचिव संजीव कुमार, रामरतन, कांगड़ा के जिला अध्यक्ष साहिब सिंह, मंडी के जिला अध्यक्ष जिला मंजुल ठाकुर, कुल्लू के जिला अध्यक्ष विद्यासागर, हमीरपुर के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार, बिलासपुर के जिला अध्यक्ष संदीप कुमार, शिमला के जिला अध्यक्ष महेंद्र नामटा, सिरमौर के जिला अध्यक्ष सतपाल, चंबा के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार, किन्नौर के जिला अध्यक्ष संत नेगी, लाहौल स्पीति के जिला अध्यक्ष अमित कुमार, ऊना के उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार, सोलन के उपाध्यक्ष अनु आदि मौजूद रहे।

 ग्राम रोजगार सेवकों को पड़े वेतन के लाले बोले मंहगाई के दौर में परिवार चलना हो रहा मुश्किल विभाग में समायोजित करने की भी उठाई मांग



सुंदरनगर।

हिमाचल प्रदेश में तैनात ग्राम रोजगार सेवकों को कुछ विकास खंडों में

पिछले दो-तीन महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। इस वजह से अब ग्राम रोजगार

सेवकों को अपने परिवार का खर्चा चलाने में और बच्चों की फीस देने जैसी कई

समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ग्राम रोजगार सेवकों की महत्वपूर्ण योजना

मनरेगा को और विभाग के द्वारा दी जाने वाली अन्य डयूटी को बड़ी ईमानदारी

से दिन रात सेवाएं दे रहे हैं। ग्राम रोजगार सेवक कोविड के दौरान भी

दिन.रात पंचायतों में ड्यूटी देते हैं। जब भी विभाग में वेतन के संदर्भ

में बात की जाती है तो वहां से कहा जाता है कि अब ग्राम रोजगार सेवकों के

खाते ऑनलाइन किए जा रहे हैं और उसके बाद सीधे ग्राम रोजगार सेवकों के

खाते में पेमेंट पड़ेगी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवराज ठाकुर का कहना है

कि अगर पिछले दो.तीन महीने से ऑनलाइन प्रक्रिया हल नहीं हो रही है। तो

संघ ने विभाग से आग्रह है कि सभी विकास खंडों को निर्देश शीघ्र अति शीघ्र

जारी किए जाएं कि सभी ग्राम रोजगार सेवकों, कंप्यूटर ऑपरेटर और कनिष्ठ

लेखाकार को फिलहाल ब्लॉक के दूसरे हेड से वेतन दिया जाए या कोई दूसरा

हालत ढूंढा जाए। जिससे वेतन के संदर्भ में बार बार आ रही समस्या से जुझना

न पड़े और सभी कर्मचारी समय पर वेतन लेकर अपने परिवार का गुजारा कर सके।

प्रदेश अध्यक्ष शिवराज ठाकुर का कहना है ग्राम रोजगार सेवक संघ बार.बार

सरकार और विभाग से ग्रामीण विकास विभाग में रिक्त पड़े पदों के विरुद्ध

समायोजित करने की मांग कर रहे हैं ताकि ग्राम रोजगार सेवकों को दूसरे

विभागों के कर्मचारियों की तरह हर महीने पहली तारीख को वेतन भी और अन्य

विभागीय फायदे मिल सके। ग्राम रोजगार सेवकों को ग्रामीण विकास विभाग के

रिक्त पड़े पदों में समायोजित करने पर सरकार पर कोई भी वित्तीय बोझ नहीं

पड़ेगा। क्योंकि इन रिक्त पड़े पदों के लिए सरकार द्वारा वित्तीय प्रबंधन

पहले से ही किया जा चुका है। राज्य स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक गुगल मीट

के माध्यम से हई। जिसमें ग्राम रोजगार सेवक संघ के महासचिव सुनील चौहान

मुख्य सलाहकार यशवंत ठाकुर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार सलाहकार वीरेंद्र

विंटु, उपाध्यक्ष बालक राम,, डोलमा राम, राम गोपाल शर्मा, देवेंद्र वर्मा

सह सचिव संजीव कुमार, रामरतन, कांगड़ा के जिला अध्यक्ष साहिब सिंह, मंडी

के जिला अध्यक्ष जिला मंजुल ठाकुर, कुल्लू के जिला अध्यक्ष विद्यासागर,

हमीरपुर के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार, बिलासपुर के जिला अध्यक्ष संदीप

कुमार, शिमला के जिला अध्यक्ष महेंद्र नामटा, सिरमौर के जिला अध्यक्ष

सतपाल, चंबा के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार, किन्नौर के जिला अध्यक्ष संत

नेगी, लाहौल स्पीति के जिला अध्यक्ष अमित कुमार, ऊना के उपाध्यक्ष प्रवीण

कुमार, सोलन के उपाध्यक्ष अनु आदि मौजूद रहे।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें