सोमवार, 18 जुलाई 2022

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक वित्तीय साक्षरता केंद्र मंडी द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सौजन्य से सुंदर नगर जिला मंडी में एक दिवसीय वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया

 हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक वित्तीय साक्षरता केंद्र मंडी द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सौजन्य से सुंदर नगर जिला मंडी में एक दिवसीय वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया

BHK NEWS HIMACHAL

सुंदर नगर।

 हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक वित्तीय साक्षरता केंद्र मंडी द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सौजन्य से सुंदर नगर जिला मंडी में एक दिवसीय  वित्तीय साक्षरता शिविर  का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन  हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक जिला कार्यालय मंडी से वित्तीय साक्षरता समन्वयक राकेश ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा के वित्तीय साक्षरता व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश सहित विभिन्न वित्तीय कौशल को समझने और लागू करने की क्षमता है ।यह ज्ञान व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है ताकि वे वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा के फाइनेंसियल लिट्रेसी के ज्ञान की कमी के कारण व्यक्ति धोखाधड़ी करने वाले वित्तीय संस्थानों या ठगों का शिकार हो सकते हैं और उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। फाइनेंसियल लिट्रेसी का पर्याप्त ज्ञान न होने से वित्तीय नुकसान देने वाली फ्रॉड वित्तीय संस्थाओं व धोखेबाजों की चाल का शिकार हो सकते है। वित्तीय साक्षरता सभी प्रकार के आयु समूह, लिंग, वर्ग और सभी स्तर के लोगों के लिए उपयोगी और आवश्यक है। यह छात्रों, युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, और विभिन्न प्रकार के रोजगारशुदा व्यक्तियों, वेतनभोगी व्यक्तियों, कर्मचारियों, प्रबंधकों, व्यवसायियों, उद्यमियों और सभी प्रकार के लोगों के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा के लोगों के अनावश्यक खर्चों को कम करना और लोगों के बचत की आदत को स्थापित करना वित्तीय साक्षरता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । उन्होंने कहा कि आज भारत को सिर्फ "विचार" की नहीं बल्कि एक "वित्तीय-विचार" की सख्त जरूरत है l जब हमारे समाज का एक-एक परिवार आर्थिक रूप से मज़बूत होगा तभी हमारा देश भी आर्थिक रूप से मज़बूत होगा l उन्होंने मुख्यमंत्री  स्वावलंबन योजना  के बारे में बताते हुए कहा के इस योजना के तहत राज्य सरकार  युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना चाहती है। यदि कोई पुरुष  अपना बिजनेस शुरू करना चाहता  है  और  40 लाख तक का इन्वेस्ट करना चाहता है तो राज्य सरकार की तरफ से मशीनरी कॉस्ट के लिए कम से कम 25% तक की सब्सिडी राज्य सरकार उपलब्ध करवाएगी। यदि कोई महिला अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहती है और उसका मशीनरी कॉस्ट 40 लाख रुपए से कम है तो राज्य सरकार उसे 30% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।

कॉलेक्टर कम डिप्टी  रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं मंडी कमलेश कुमार ने कहा के ऋण जिस उदेश्य के लिए लिया गया हो उसी उदेश्य की पूर्ति के लिए उसका प्रयोग किया जाये। उन्होंने कहा के सभी को वित्तीय योजना बनानी चाहिए जिससे गैर ज़रूरी खर्चों को हटा सकें और भविष्य की ज़रूरतों को पूरा  करने के लिए नियमित रूप से अपनी आय में से कुछ हिसा बचा कर रख सके।  उन्होंने स्टेट कोआपरेटिव बैंक और नाबार्ड द्वारा आयोजित वित्तीय साक्षरता शिवरों को करने हेतु सराहनीय कदम बताया ।  




बाइट 

वित्तीय साक्षरता समन्वयक

राकेश ठाकुर।


कॉलेक्टर कम डिप्टी  रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं मंडी कमलेश कुमार।





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