शनिवार, 9 जुलाई 2022

आंगनवाड़ी वर्करों को सरकारी कर्मचारी बनाने की यूनियन ने ने उठायी मांग ग्रेच्यूटी देने और नर्सरी टीचर लगाने की भी उठायी मांग।

 आंगनवाड़ी वर्करों को सरकारी कर्मचारी बनाने की यूनियन ने ने उठायी मांग

ग्रेच्यूटी देने और नर्सरी टीचर लगाने की भी उठायी मांग।



BHK NEWS HIMACHA

सीटू से सबंधित आंगनवाड़ी वर्करज एन्ड हेल्परज यूनियन का 12वां मंडी ज़िला का सम्मेलन आज कामरेड तारा चन्द भवन मंडी में आयोजित किया गया।जिसकी अध्यक्षता हमिन्द्री शर्मा,सरोज कुमारी औरक्षमा वर्मा ने की और सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम, ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह महासचिव राजेश शर्मा भी सम्मेलन में शामिल हुये।सम्म्मेलन का उद्घाटन यूनियन की राज्य महाससिव बिना शर्मा ने किया।उन्होंने कहा कि देश में बाल विकास परियोजना की सुरूआत 1975 में बच्चों में कुपोषण को ख़त्म करने के उद्देश्यों तथा गर्ववती माताओं के स्वास्थ्य की देखरेख के सीमित कार्यों के लिए हुआ था।लेक़िन वर्तमान में वर्करों से चुनाव आयोग, कोविड्-19,स्वास्थ्य सर्वेक्षण और अन्य कई तरह के काम उनसे करवाये जाते हैं लेकिन सरकार ने अभी तक हमें सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया है जबकि काम उनसे सभी प्रकार के करवाये जाते हैं।उन्होंने कहा कि यूनियन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को रैगुलर कर्मचारी घोषित करने की लगातार मांग उठा रही है और रिटायरमेंट की उम्र केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार 65 वर्ष करने की भी मांग करती है। उन्हीने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्करों को गरोचिटी अदा करने का फ़ैसला दिया जिसके अनुसार सभी वर्करों को ग्रेच्युटी और अन्य रिटारमेंट लाभ दिए जाएं।हरियाणा की तर्ज़ पर साढ़े ग्यारह हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए।सभी मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण केंद्र का दर्जा दिया जाए तथा इनमें कार्यरत वर्करों को एक समान मानदेय दिया जाए।स्कूलों में भर्ती की जा रही नर्सरी अध्यापिकाओं की शत प्रतिशत भर्ती आंगनवाड़ी वर्करों में से की जाये।स्नातक स्तर तक शिक्षा प्राप्त वरकरों को सुपरवाइजर का टेस्ट देने के लिए वर्तमान दस वर्ष कि शर्त के बजाये इसे पांच साल की जाये।बाल विकास परियोजना का निजीकरण न किया जाए और इसे बेदान्ता संस्था को ठेके पर न सौंपा जाये।सरकार ने पोषण अभियान चलाया है लेकिन उसमें ज़्यादा से ज़्यादा ख़र्चा कर्मचारिओं और उन्हें सुविधाओं पर ख़र्च किया जा रहा है और पोषण पर ख़र्च बहुत कम दिया जा रहा है और इसमें पोषण के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है।सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें निजीकरण की नीति लागू कर रही है जिसके चलते बाल विकास विभाग को भी निजी क्षेत्र में देने की योजना बना रहे हैं जिसका एकजुट होकर विरोध किया जाएगा।







सम्मेलन में  31 सदस्यीय नई ज़िला कमेटी का भी चयन किया गया जिसमें सदर प्रोजेक्ट की हमिन्द्री शर्मा को पुनः अध्यक्ष चुना गया।सुंदरनगर की सुमित्रा ठाकुर को महासचिव तथा बिमला शर्मा को कोषाध्यक्ष चुना गया। सदर प्रोजेक्ट की सुदर्शना गोहर की सरोज गोपालपुर की सोनिका  दरंग कि नागो देवी औऱ चौन्तड़ा की तम्मन्ना देवी को उपाध्यक्ष चुना गया वहीं रिवालसर की यशोधा गोपालपुर की क्षमा वर्मा गोहर की गोदावरी सदर की सरला देवी को सचिव चुना गया।इसके अलावा सदर की  कंचन, पम्मी, तृप्ता, सत्या, ममता, रीता  और रेणु रिवालसर की बिमला, लता सुंदरनगर की अंजुला, आशा, माया, भावना दरंग की कमलेश और बिन्ता गोहर की मीरां औऱ इंद्रा गोपालपुर की सुनेहरू, विना और रीता चौन्तड़ा खण्ड कि बन्दना और रानी देवी को कमेटी का सदस्य चुना गया।






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