शिक्षकों की भर्ती का विरोध करते हुए स्थाई शिक्षकों की भर्ती की मांग
यादविंदर कुमार मंडी: भारत की जनवादी नौजवान सभा(DYFI) राज्य कमेटी प्रदेश सरकार द्वारा अस्थाई रूप से शिक्षकों की भर्ती का विरोध करते हुए स्थाई शिक्षकों की भर्ती की मांग करती है। गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा पद शिक्षकों के खाली पड़े हैं। प्रदेश में लगभग 13000 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं और गैर शिक्षकों के साथ मिलकर शिक्षा विभाग में लगभग 20000 पद खाली पड़े हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश देशभर में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे युवाओं का बेरोजगार प्रदेश बन गया है। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी सबसे तीव्र गति से बढ़ रही है। चुनाव से पूर्व कांग्रेस द्वारा सत्ता में आने पर 500000 युवाओं को स्थाई रोजगार देने का गारंटी दी थी। पहली ही कैबिनेट में युवाओं को रोजगार देने के लिए योजना बनाने की बात कही थी। रोजगार की गारंटी 10 महत्वपूर्ण गारंटियों में से एक थी। और अब सरकार इन पदों को भरने के लिए अस्थाई शिक्षक भर्ती की योजना बना रही है। जिनकी सेवाएं मात्र 1- 2 वर्ष के लिए ली जाएगी। नौजवान सभा मानती है कि सरकार द्वारा लिया जाने वाला यह निर्णय पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है। इस तरह की भर्ती नीतियां युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है एस एम सी. अध्यापक लगभग 10 वर्ष बीत होने पर भी नियमित नहीं हो पाए हैं। इसलिए नौजवान सभा राज्य कमेटी सरकार से मांग करती है कि शीघ्र अति शीघ्र इस निर्णय को वापस लेते हुए स्थाई शिक्षकों की भर्ती करें। इसी प्रक्रिया में नौजवान सभा 8 मई को रोजगार की गारंटी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री महोदय को विभिन्न उपमंडल अधिकारीयों और उपायुक्त के माध्यम से मांग पत्र सोंपेगी और 16 मई को प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा।
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