श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक में रुका काम जल्द शुरू करने का हुआ फ़ैसला
सभी मज़दूर संगठनों ने एकजुट होकर उठायी मांग
BHK NEWS HIMACHAL
हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक आज होलीडेहोम शिमला में श्रम और रोज़गार मंत्री तथा बोर्ड के अध्यक्ष धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।जिसमें सभी पांच मज़दूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।बैठक हंगामेपूर्ण रही कियूंकि नई सरकार के कार्यकाल में बोर्ड में न तो पंजीकरण हो रहा है और न ही मज़दूरों को किसी प्रकार की सहायता जारी हो रही है जिसे गैर कानूनी रूप में रोक दिया गया है।जिसे जल्दी बहाल करने बारे सभी यूनियनों ने पिछली बोर्ड की बैठक जो 3 अप्रैल को हुई थी में भी चर्चा हुई थी लेकिन बोर्ड के पूर्व सचिव ने उस पर कोई अमल नहीं किया और यहां तक कि उसे कर्यवाही में भी नहीं दर्ज किया था।जिसका सभी ने बैठक शुरू होते ही विरोध किया और उनके खिलाफ कार्यवाई करने की मांग उठाई।हालांकि कुछ दिन पहले ही बोर्ड के सचिव दिले राम धीमान को बोर्ड से हटा दिया गया है और अब मुख्यमंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव राजीव कुमार को नया सचिव नियुक्त किया गया है।पूर्व सचिव की मनमर्ज़ी वाली कार्यप्रणाली के ख़िलाफ़ आज बैठक में सीटू मज़दूर संगठन के प्रतिनिधि भूपेंद्र सिंह ने उनके ख़िलाफ़ विभागीय कर्यवाई करने का प्रस्ताव बैठक में रखा जिसका सभी मज़दूर यूनियनों के सदस्यों ने समर्थन किया।इसके अलावा उन्होंने मनरेगा व निर्माण मज़दूरों के गैर कानूनी तौर से रोका गया पंजीकरण, नवीनीकरण और सहायता राशी को तुरन्त बहाल करने बारे में भी विस्तृत चर्चा हुई और रोके गये लाभ अगले दो महीनों में जारी करने और लेखा परीक्षा की आपत्तियां दूर करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार से पत्राचार करने बारे निर्णय लिया गया।इसी प्रकार भवन निर्माण कार्य करने वाले मज़दूरों को दिए जाने वाले प्रमाण पत्र में से सेस की शर्त हटाने और मज़दूर यूनियनों को प्रमाण पत्र जारी करने के अधिकार को बहाल करने का प्रस्ताव इंटक के सीता राम सैनी ने बैठक में पेश किया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया और नियमानुसार इसके लिए विशेषज्ञ समिति की बैठक जल्दी बुलाने का प्रस्ताव पारित किया गया जिसे राज्य मंत्रिमंडल की संतुति के लिए भेजा जाएगा।रोज़गार प्रमाण पत्र को संशोधित करके उसमें ग्राम पंचायतों और नगर निकायों में किये जाने वाले निर्माण कार्यों को शामिल करने का भी फ़ैसला लिया गया।जिसके आधार पर भविष्य में मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण कार्य बहाल हो जायेगा।इसके अलावा बैठक में बैठक में बोर्ड में पिछले दस साल से आउटसोर्सिंग आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों को बोर्ड में ही नियमित करने और उनके वेतन में नॉकरी की सीनियरिटी के आधार पर वृद्धि करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। बोर्ड में मज़दूर यूनियनों का प्रतिनिधित्व कर रहे सीता राम सैनी और हेमा देवी- इंटक,जगदीश भारद्वाज-एटक भूपेंद्र सिंह -सीटू प्रदीप कुमार- बीएमएस रविन्द्र कुमार भवन एवं निर्माण मज़दूर यूनियन कांगड़ा ने एकजुटता बनाते हुए बोर्ड के रुके हुए काम को तुरन्त बहाल करने की मांग ज़ोरदार तरीके से उठायी।उन्होंने कहा कि एक तरफ़ छः महीने पहले बोर्ड के माध्यम से सभी 12 जिलों में श्रम कल्याण अधिकारी नियुक्त किये हैं और दूसरी तरफ बोर्ड का काम बन्द कर दिया है तो ऐसी स्थिति में इन अधिकारियों को नियुक्त करने का क्या औचित्य बनता है।इसलिए रुके कार्य को तुरन्त बहाल किया जाये अन्यथा सभी मज़दूर संगठन एकजुट होकर सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए मजबुर होंगे।
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