सरकार आईसीडीएस प्रोजेक्ट का निजी कंपनियों के हवाले करना चाहती है। वर्करों को प्री नर्सरी से बाहर करने की साजिश हो रही है, लेकिन दबाव के चलते सरकार फैसला एकदम लागू नहीं कर रही है।
सरकार आईसीडीएस प्रोजेक्ट का निजी कंपनियों के हवाले करना चाहती है। वर्करों को प्री नर्सरी से बाहर करने की साजिश हो रही है, लेकिन दबाव के चलते सरकार फैसला एकदम लागू नहीं कर रही है।
BHK NEWS Mandi
आंगनवाड़ी वर्कर एव हेल्पर यूनियन संबंधित सीटू के जिला महासचिव राजेश शर्मा ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि सरकार आईसीडीएस प्रोजेक्ट का निजी कंपनियों के हवाले करना चाहती है। वर्करों को प्री नर्सरी से बाहर करने की साजिश हो रही है, लेकिन दबाव के चलते सरकार फैसला एकदम लागू नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सीटू ने नौकरियां बचाने और पंचायतों के हाथों सौंपने पर भी लड़ाई लड़ी थी।
सीटू और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया मुकदमे दर्ज किए गए और उन्होंने लाठियां भी खाई। मगर हक ही लड़ाई लड़ते रहे। आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर ने कोरोनाकाल मैं अग्रिम पंक्ति में काम किया है। सरकार को वर्कर को नियमित करना चाहिए था लेकिन वह नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार पिछले तीन साल से लगातार आईसीडीएस के बजट में कटौती कर रही है ।इसके कारण आंगनवाड़ी केंद्रों और आईसीडीएस को कमजोर किया जा रहा है। सरकार एक सुनियोजित तरीके से नंदघर जैसी स्कीमों को आगे करके वेदांता जो एक प्राइवेट कंपनी है ,उसके हवाले करने जा रही है। इसके साथ साथ प्री नर्सरी में जिस तरह से एक खेल खेला जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन सीटू इन सभी मांगों को लेकर 24 सितंबर को स्कीम वर्कर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आवाहन पर मंडी जिला के विभिन्न स्थानों में हड़ताल करेंगी और सरकार की जन विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करेंगे। जब तक सरकार आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर की मांगों को नहीं मानते हैं तब तक यह लड़ाई निरंतर जारी रहेगी और एक मजबूत आंदोलन का निर्माण किया जाएगा।
राजेश शर्मा
सीटू महासचिव जिला
7018009084
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें