शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2023

38वां इकाई सम्मेलन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुआ

38वां इकाई सम्मेलन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुआ





आज एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई का 38वां इकाई सम्मेलन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुआ। सम्मेलन में एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई की विभिन्न प्राथमिक इकाइयों के 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

सम्मेलन की शुरुआत एन ई  पी के माध्यम से शिक्षा के निजीकरण तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बढ़ रहे शैक्षणिक भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट हो के नारे के साथ हुई । सम्मेलन का उद्घाटन एसएफआई के पूर्व अखिल भारतीय महासचिव विक्रम सिंह ने किया और कहा कि यह सम्मेलन एक चुनौतीपूर्ण समय में हो रहा है जब पूरा देश एक जटिल संकट से गुजर रहा है जो हर दिन बदतर होता जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र से शुरू करके, हर क्षेत्र पर पहले जैसा हमला किया जा रहा है। देश की समृद्धि और उन्नति पर आरएसएस-भाजपा शासन द्वारा स्पष्ट रूप से हमला किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) निस्संदेह मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर हमला है। एनईपी के माध्यम से, वे मौजूदा शासन की छात्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ किसी भी सामूहिक छात्र आंदोलन से बचने के लिए पूरे छात्र समुदाय को अभिजात्य और गैर-अभिजात वर्ग, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक वर्गों में विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लगातार शिक्षा को निजी पूंजी के हाथों में सौंपने की पूरी कोशिश कर रही है। एसएफआई को मैं इस कठोर शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज उठाने वाला पहला और अग्रणी छात्र संगठन होने के लिए बधाई देता हूं। हम एनईपी के खिलाफ होने वाले सामूहिक संघर्ष के महत्व पर जोर देंगे। मैं आशा व्यक्त करता कि इस प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई भावी युवा शक्ति के रूप में संघर्षो का नेतृत्व करने में सक्षम होगी। हमें आरएसएस-बीजेपी के खिलाफ व्यापक एकजुट ताकत की जरूरत है । भाजपा को वैचारिक और राजनीतिक रूप से अलग-थलग करने और हराने के लिए एक साथ चलना पड़ेगा। हमें याद करना चाहिए 1936 को, जब संगठित छात्र आंदोलन का गठन हुआ, तो इसने देश के कई लोगों के मन में आजादी की आग जलाई। मैं चाहता हूं कि यह सम्मेलन छात्रों के संघर्ष को दिशा देगा।

एस एफ आई के इस 38वे सम्मेलन में 67 सदस्य कार्यकारिणी चुनी गयी जिसमे 21 सदस्य सचिवालय को चुना गया।

इस सम्मेलन में सन्नी सेकटा को सचिव और संतोष को अध्यक्ष चुना गया। इस सम्मेलन में आने वाले पूरे वर्ष भर की रणनीति तैयार की गयी।






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