एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय में आरएसएस के पिछ लगू संगठन द्वारा नव वर्ष मनाने के नाम पर धार्मिक प्रचार और धार्मिक क्रियाकलाप करने के विरोध में डीएसडब्ल्यू का घेराव किया एवम प्रो वीसी की गाड़ी को रोककर धरना प्रदर्शन किया।
एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय में आरएसएस के पिछ लगू संगठन द्वारा नव वर्ष मनाने के नाम पर धार्मिक प्रचार और धार्मिक क्रियाकलाप करने के विरोध में डीएसडब्ल्यू का घेराव किया एवम प्रो वीसी की गाड़ी को रोककर धरना प्रदर्शन किया।
एसएफआई के विरोध के चलते विश्विद्यालय से प्रचार के लिए लगाए धार्मिक झंडे एवम बैनर को निकलवा दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद आरएसएस के लोगों द्वारा धार्मिक झंडो के साथ लाइब्रेरी में घुसकर उत्पात मचाया गया जिसका एसएफआई द्वारा कड़ा विरोध किया गया।
धरने प्रदर्शन में एसएफआई इकाई उपाध्यक्ष कॉमरेड शाहबाज ने पूरे घटनाक्रम पर बात रखते हुए बताया कि आरएसएस का हस्तक्षेप विश्वविद्यालय में लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले काफी समय से विश्वविद्यालय में आरएसएस के लोगों को धांधली करके भरने का काम किया जा रहा है। आरटीआई से पता चला है कि विश्वविद्यालय में 70% शिक्षक अयोग्य भरे गए है। नॉन टीचिंग स्टाफ में कांट्रेक्ट पर आरएसएस के लोगों को भरा जा रहा है। हद तो आज हुई जब विश्वविद्यालय में आरएसएस द्वारा अपने धार्मिक झंडो और पोस्टरों को लगाया गया। सरकारी शिक्षण संस्थान के अंदर किसी धर्म विशेष के कार्यक्रम का एसएफआई कड़े शब्दों में विरोध करती है और किसी भी सूरत में ऐसे कार्यक्रम विश्वविद्यालय मैं होने नहीं देंगे। विश्वविद्यालय में हर धर्म के छात्र पढ़ाई करते है जिस कारण किसी धर्म विशेष का प्रचार करना या कार्यक्रम करना बिलकुल गलत है।
एसएफआई इकाई सचिव कॉमरेड सनी सेक्टा ने बताया कि इस धार्मिक प्रचार और कार्यक्रम के विरोध में हमने डीएसडब्ल्यू का घेराव किया क्योंकि विश्वविद्यालय में ऐसे कार्यक्रम करवाना देश के सेकुलर मूल्यों का हनन है। संविधान का अनुच्छेद 28 साफ तौर पर यह बोलता है कि किसी भी सार्वजनिक शिक्षण संस्थान में किसी भी धार्मिक क्रियाकलाप को नहीं किया जा सकता है फिर ऐसे में किस आधार पर विश्वविद्यालय में आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद के लोगों द्वारा विश्वविद्यालय में धार्मिक प्रचार और क्रियाकलाप किया जा रहा है। एसएफआई द्वारा पिंक पटेल चोक पर वीसी की गाड़ी को रोककर विरोध प्रदर्शन किया।
इस धरने में राज्य सचिव कॉमरेड दिनित ने बात रखते हुए कहा कि आज पूरे हिंदुस्तान के अंदर आरएसएस के इन संगठनों के द्वारा और आरएसएस के द्वारा इस तरह की राजनीति अलग-अलग शिक्षण संस्थानों के अंदर करने की कोशिश की जा रही है जिसके चलते सभी विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों की उनकी स्वायता को खत्म करते हुए वहां पर उन्माद फैलाने का काम किया जा रहा है उनके द्वारा हिंदुस्तान की बेरोजगार युवाओं की भीड़ को इकट्ठा करते हुए उनके द्वारा उनके हाथों में सांप्रदायिक दंगा फैलाने के लिए और आरएसएस के विचारों को आगे ले जाने के लिए उनके हाथों में धार्मिक झंडों को पकड़ा कर इन दंगों को अंजाम दिया जा रहा है।
एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जिन लोगों द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करते हुए विश्वविद्यालय में इस तरह की हरकतों को अंजाम दिया है उनके ऊपर विश्वविद्यालय प्रशासन और चुनाव आयोग सख्त रूप से कार्रवाई करें अन्यथा आने वाले समय के अंदर छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगी। जिसका जिम्मेदार खुद विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।
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