*सुनील उपाध्याय ऐजुकेशनल ट्रस्ट शिमला ने स्वर्गीय सुनील उपाध्याय जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य पर 123 यूनिट से भी अधिक रक्तदान।
*नशा की रोकथाम के लिए सरकार उठाए कड़े कदम* - *शिव प्रताप शुक्ल*
*स्वर्गीय सुनील उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर शिमला में रक्तदान शिवर व संगोष्ठी का आयोजन।*
*सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट* द्वारा *स्वर्गीय सुनील उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर 12 नवंबर 2024* के दिन गेयटी थियेटर में *संगोष्ठी एवं रक्तदान शिविर* का आयोजन किया गया जिसमें *मुख्य अतिथि के हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल उपस्थित रहे और साथ में नशा निवारण बोर्ड के पूर्व संयोजक ओ. पी. शर्मा उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में 700 से भी अधिक संख्या में छात्र छात्राओं* ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
इस वर्ष सुनील उपाध्याय ऐजुकेशनल ट्रस्ट शिमला ने जो संगोष्ठी रखी उसका विषय
*हिमाचल में बढ़ती नशा प्रवृति - समस्या एवं सामाधान*। जिसमें महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दिन प्रतिदिन नशा माफिया बढ़ता जा रहा है। प्रदेश की युवा पीढ़ी को नशे में धकेल रहे नशा माफिया पर रोक लगाने के लिए सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए। नशा माफिया हमारे समाज को खोखला कर रहा है । इस मौके पर उन्होंने स्वगीर्य सुनील उपाध्याय जी को याद किया और कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज जो राष्ट्रवादी विचारधारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विराट स्वरूप देखने को मिल रहा है यह सुनील जी की देन है । सुनील उपाध्याय जी हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह पहले दूसरों के बच्चों को नशे की लत में न फंसने दें, तभी वे अपने बच्चों को नशे की लत से बचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि नशे की लत का एक और कारण यह है कि इसकी मांग पर अंकुश नहीं लग रहा है इसलिए इसके विपरीत प्रभाव लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है।
लेकिन लोगों को भी इसके प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को अपने स्तर पर नशा निवारण केंद्र खोलने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब से वे हिमाचल के राज्यपाल बने हैं, तब से वे नशे के विरूद्ध काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक पूर्णतः सफलता नहीं मिली है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि जब प्रदेश के लोग अपनी समृद्ध परम्पराओं को फिर से स्थापित करेंगे, तभी हम नशे के खिलाफ इस लड़ाई को जीत पाएंगे।
मुख्य वक्ता ओ.पी. शर्मा ने कहा कि आज समाज में नशा एक गंभीर रूप ले चुका है और मादक पदार्थ चिट्टा राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में समाज में मानवीय संवेदनशीलता की कमी है और हम इसका आकलन भी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने राज्य में एकीकृत नशा निवारण नीति लाग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर समाज में जागरूकता अभियान निरन्तर जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समस्या जितनी सरकार की है, उतनी ही समाज की भी है।
इस अवसर पर सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से प्रोफेसर संजय शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव नितिन व्यास ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें