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हिमाचल सरकार की वायदा खिलाफ़ी के विरोध में 20 किसान संगठनों का मंडी में प्रदर्शन, चार गुना मुआवजा को लागु करे जयराम सरकार: भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच

 

हिमाचल सरकार की वायदा खिलाफ़ी के विरोध में 20 किसान संगठनों का मंडी में प्रदर्शन, 

चार गुना मुआवजा को लागु करे जयराम सरकार: भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच

*BHK NEWS :ललित चौहान 22 सितंबर, 2021*



             

हिमाचल सरकार की वायदा खिलाफ़ी के विरोध में 20 किसान संगठनों का मंडी में प्रदर्शन, 

चार गुना मुआवजा को लागु करे जयराम सरकार: भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच

आज दिनांक 22 अक्टूबर को भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की  विशाल रैली श्री बी.आर. कौंडल की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें  कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, बिलासपुर, काँगड़ा के किसानों ने भाग लिया। रैली  सुबह 12 बजे सेरी मंच मंडी से चलकर जिलाधीश कार्यालय तक निकाली गई जिसमें राज्य के 20 संगठनों के किसानों ने  हिस्सा लिया। किसान संगठनों अपना  मांग-पत्र जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी दिया I



रैली को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष श्री बेली राम कौंडल ने कहा कि राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण 2013 कानून  को हिमाचल में लागु करने में आनाकानी कर रही है और एक के बाद दूसरी कमेटी बना कर फैसले पर अमल को लगातार टालमटोल करती जा रही है। जबकि केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा, पुनर्वास व पुनर्स्थापना को यथावत लागु करने को राजी है। लेकिन हिमाचल की जयराम सरकार अभी तक किसानों को चार गुना मुआवजा नहीं दे रही  है और अत्याधिक कीमती जमीन किसानों से कौड़ियों के भाव लेकर उन्हें  बर्बाद करने पर तुली है। जबकि अन्य राज्यों उत्तराखंड, बिहार व झारखण्ड आदि में चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है। अतः हम सरकार से मांग करते हैं कि भूमि अधिग्रहण 2013 कानून  को अतिशीघ्र लागु किया जाये अन्यथा हिमाचल के किसान सरकार को सबक सिखाने पर मजबूर हो जायेंगे।

 काँगड़ा जिला के सह संयोजक श्री राजेश पठानिया ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मौजूदा बाज़ार भाव तय करने में विसंगतियों को दूर कर मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाए । जमीन के सर्कल रेट भी उसके अनुसार तय किये जायें तथा कम किये गए सर्कल रेट वापिस लिए जायें। स्टाम्प एक्ट के सेक्शन 47 A के अनुसार सर्कल रेट निर्धारित किए जाएं और जमीन व मकान के अवार्ड जो घोषित किये जा चुके हैं उनको मुआवजे का  भुगतान   राष्ट्रीय उच्च मार्ग/भूमि अधिग्रहण अधिकारी द्वारा अतिशीघ्र किया जाये। भुगतान में देरी पर 12% ब्याज दिया जाए।

कुल्लू जिला के सह संयोजक श्री नरेश कुकू व प्रेम सिंह ठाकुर ने मांग करते हुए कहा कि प्रस्तावित सड़क (ROW)/ टनल के बाहर परियोजना से प्रभावित मकानों, जमीन व बगीचे आदि को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाये और वर्तमान संपर्क मार्ग को बहाल किया जाये। स्थानीय जनता/ दूकानदारों के इज़मेंट राइट्स दिए जाये व टोल प्लाज़ा में साथानीय लोगों को राहत दी जाये। बिलासपुर जिला से श्री मदन शर्मा ने मांग उठाई कि सरकार राष्ट्रीय उच्च मार्ग-रोड़ प्लान के अनुसार भूमि अधिग्रहण करे  और उसमें कोई बदलाव न किया जाये। मिट्टी डम्पिंग के स्थान तय किये जायें व पहाड़ की तरफ स्टेप कटिंग की जाये और सक्षम अधिकारी द्वारा अधिग्रहित भूमि की निशानदेही कर पक्की बुरजियाँ लगाई जाएं I 

शिमला जिला से जयशिव ने प्रस्तावित फोरलेन के साथ लगते गांवों को 5 मीटर कंट्रोल विड्थ व 3 मीटर टीसीपी योजना से निरस्त करने की मांग को उठाया। उन्होंने कहा कि जो भूखंड अधिग्रहण होने के पश्चात इतना कम बचता है कि टी सी पी के नियमों के कारण उसपर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता हो, उसे पूरा ही अधिग्रहित किया जाए। सोलन जिला से श्री नवीन मेहता ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि प्रस्तावित बस स्टैंड के पास पैदल पथ या भूमिगत रास्ते बनाये जायें। सम्पर्क मार्ग, टी पॉइंट, पानी की निकासी हेतु पुल बनाये जाएं तथा परियोजना से प्रभावित कुँए, हैण्ड- पंप, पैदल पथ, स्कूलों व मन्दिरों को पुनर्स्थापित किया जाये।

कोटली-मंडी के अध्यक्ष श्री प्रशांत मोहन व सरकाघाट- धर्मपुर के संयोजक श्री मान सिंह ने कहा कि अधिग्रहित भूमि पर आश्रित अन्य लोगों को हुए आजीविका के नुकसान का आकलन कर उन्हें भी उचित मुआवजा दिया जाए। जिस जमीन/मकान के अवार्ड जो घोषित किया जा चुका है उनको मुआवजे का  भुगतान   राष्ट्रीय उच्च मार्ग द्वारा अतिशीघ्र किया जाये।

 किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डा. कुलदीप तंवर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि नए मेगा प्रोजेक्ट्स  के लिए स्थान का चयन तकनीकी आधार पर सोशल इम्पैक्ट सर्वे के पश्चात ही किया जाए। गैर कृषि भूमि व जहां पर न्यूनतम विस्थापन हो ऐसी साइट ( फोरलेन, रेलवे या एयरपोर्ट) को वरीयता दी जाए। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) से श्री रॉकी सोहल  व भारतीय किसान संघ से सूरज ठाकुर ने किसानों कि मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार किसानों के हितों कि रक्षा करे। फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष एवं विधायक (ठियोग) श्री राकेश सिंघा व संयुक्त किसान मंच के संयोजक श्री संजय चौहान ने जोर देकर कहा कि पूरे प्रदेश के किसान-बागवान नाराज चल रहे हैं और किसान व बागवानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन्होंने ने सरकार को दो टुक कह दिया है कि अगर वह किसानों व बागवानों की मांगों पर शीघ्र गौर नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में किसानों को लामबंद करते हुए इस सरकार को चलता करेंगे। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि  फोरलेन प्रभावितों को उनकी अधिग्रहित भूमि का चार गुना मुआवजा अति शीघ्र दिया जाये।     


अंत में रैली के संयोजक, जोगिन्द्र वालिया ने कहा ने कहा कि उपरोक्त प्रदर्शन को सफल बनाने हेतु अलग-अलग फोरलेन संघर्ष समितियों के प्रयास से किसानों का यह आन्दोलन पूरे राज्य स्तर में फ़ैल चूका है। राज्य स्तर के अन्य किसान व दुसरे संगठन जिसमें, संयुक्त किसान मंच , भारतीय किसान संघ , भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) हिमाचल किसान सभा,  बल्ह बचायो किसान संघर्ष समिति, नौजवान व महिला संगठनों ने हमारी मांगों का समर्थन करते हुए इस रैली को सफल बनाया  उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। इस अवसर पर उन्होंने ने प्रदेश के  किसानों से आह्वान किया कि आने वाले दिनों में अगर किसानों की उपर्युक्त मांगो का तुरंत निपटारा नहीं किया गया तो संघर्ष को तेज करने में अपना सहयोग करें। ताकि सरकार को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागु करवाने पर मजबूर किया जा सके।  इसके लिए राज्य स्तरीय आन्दोलन तेज किया जायेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य, केंद्र सरकार की होगी।

रैली में इनके अलावा हिमाचल किसान सभा से श्री कुशाल भारद्वाज, हिमालयन नीति अभियान से गुमान सिंह, किसान सभा से के.के कौशल, नौजवान सभा से मोहिंद्र राणा, सुरेश सरवाल, महिला समिति से डा.वीना वैद्य, नागचला से भूप सिंह, बैहना से दीवान सिंह,  जड़ोल से अमर सिंह व राजकुमार वर्मा, नौलखा-डडोर से कासिम अंजुम, छबील चंद, जितेन्द्र, विजय अबरोल, गुरिया राम नायक, भूपेंद्र वालिया, कुल्लू से हेमंत सोंखला व नगवाई से बंसी लाल ने हिस्सा लिया।  


संयोजक

जोगिन्द्र वालिया (7018390029)

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