अग्निपथ योजना के खिलाफ किसान सभा का प्रदर्शन
योजना बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मज़ाक
सेना को कमज़ोर करने की कोशिश- डॉ. तंवर
BHK NEWS HIMACHAL
अग्निपथ देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ और युवाओं के साथ विश्वासघात है यह मानना है हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर का। डॉ. तंवर ने कहा है कि केंद्र की एनडीए सरकार देश के युवाओं से साथ दोहरा विश्वासघात कर रही है। एक तरफ सेना भर्ती की पूरी प्रक्रिया पास कर चुके युवाओं को भर्ती न देकर उनके साथ धोखा किया जा रहा है और दूसरी ओर अग्निपथ जैसी सेना भर्ती योजना लाकर देश के अन्य बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खेला जा रहा है। किसान सभा अध्यक्ष ने कहा कि अग्निपथ योजना हमारी सुरक्षा के लिए भी घातक है। आज के युग में जहां सेना का आधुनिकीकरण हो रहा है वहां केवल चार साल के भीतर सैनिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जा सकता है। और अगर प्रशिक्षण ले भी लिया तो तब तक उन्हें सेना से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। डॉ. तंवर ने कहा कि विचारणीय विषय यह है कि नौकरी से निकल जाने के बाद ये युवा किसकी चाकरी करेंगे। भाजपा नेता विजयवर्गीय और भाजपा के अन्य नेताओं के बयान से मंशा स्पष्ट हो गई कि सेना से बाहर आने पर ये युवा या तो भाजपा कार्यालय जैसे संघ के अन्य दफ्तरों की चौकीदारी करेंगे या फिर पूंजीपतियों के पास नौकरी करके उनकी रक्षा करेंगे और अपने हक की मांग करने वाले मजदूरों के संघर्ष को दबाने का काम करेंगे। डॉ. तंवर का मानना है कि किसान आंदोलन से मात खाए केंद्र सरकार अब किसानों के बच्चों से बदला ले रही है। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ किसान सभा का समर्थन देते हुए चेतावनी दी कि अगर निर्णय वापिस न लिया गया तो देश भर में आंदोलन तेज होगा।
अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर आज शिमला के उपायुक्त कार्यालय पर हिमाचल किसान सभा और मजदूर संगठनों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन में योजना को तुरंत वापिस लेने की मांग की।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष सत्यवान पुंडीर ने कहा कि देश की जनता को मुख्य मुद्दों और समस्याओं से भटकाने और उलझाने के लिए केंद्र सरकार ऐसे फरमान जारी करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला चोर दरवाज़े से सेना का ठेकाकरण है। उन्होंने केंद्र सरकार से ये नौटंकी बंद करके युवाओं को स्थायी रोज़गार देने की मांग की।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य संजय चौहान ने जानकारी दी कि संयुक्त किसान मोर्चा इस योजना की भर्ती की शुरुआत के दिन 24 जून को राष्ट्रीय विरोध दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया है।
प्रदर्शन में किसान सभा के साथ मजदूर संगठनों ने भी हिस्सा लिया।
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