मनरेगा मजदूरों के लाभ रोकने का यूनियन करेगी विरोध! भाजपा सरकार ने पहले मजदूरों सामान रोका अब सभी लाभ रोके!! धर्मपुर खण्ड के 25 हज़ार मज़दूरों को होगा करोड़ों रुपए का नुकसान!!
मनरेगा मजदूरों के लाभ रोकने का यूनियन करेगी विरोध!
भाजपा सरकार ने पहले मजदूरों सामान रोका अब सभी लाभ रोके!!
धर्मपुर खण्ड के 25 हज़ार मज़दूरों को होगा करोड़ों रुपए का नुकसान!!
BHK NEWS HIMACHAL
मनरेगा निर्माण मज़दूर यूनियन खण्ड कमेटी धर्मपुर ने राज्य सरकार द्धारा मनरेगा मज़दूरों को मिलने वाले सभी रोकने के फ़ैसले का कड़ा विरोध किया है। यूनियन के राज्य महासचिव व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह खण्ड अध्यक्ष करतार सिंह चौहान महासचिव प्रकाश वर्मा,अंजू देवी, पूजा देवी, कीर्णवाला शर्मा, निर्मला देवी, शांता देवी, कंचनलता, बिना बीस्ट, नीलम, कृष्णि, कुंता देवी, शीला, शोमा, माया देवी इत्यादि ने इसे मनरेगा मज़दूर विरोधी फैसला बताया है।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड ने पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को मिलने वाले लाभ स्वीकृत करने पर रोक लगा दी है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शुरू से मनरेगा मजदूरों के साथ अन्याय और भेदभाव कर रही है जिसने सबसे पहले वर्ष 2014 में यूपीए-2 की सरकार ने मनरेगा में एक साल में 50 दिन काम करने वाले मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्डों के सदस्य बनने का जो अधिकार दिया था उसे वर्ष 2017 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने पंजीकरण के लिए दिनों की शर्त 50 से बढ़ाकर नब्बे दिन कर दी थी और फ़िर महिला मजदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीन बन्द कर दी उसके बाद अन्य सामग्री जैसे इंडक्शन हीटर, सोलर लैम्प, साईकल, कंबल, डिन्नर सैट, टिफ़िन इत्यादि सामान भी बन्द कर दिया। अब सरकार ने मनरेगा मजदूरों को बोर्ड का सदस्य बनने पर ही रोक लगा दी और सभी प्रकार की सहायता बन्द कर दी है।जिससे मजदूरों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा, प्रसूति, अपंगता, बेटी उपहार सहायता, मृत्यु होने पर चार लाख रुपए तथा पेंशन की सहायता भी रोक दी गई है।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के चार लाख मज़दूर इससे प्रभावित होंगे जिनमें सबसे ज़्यादा मंडी ज़िला के 52 हज़ार मनरेगा मज़दूरों के लाभ शामिल हैं जिनमें सबसे ज्यादा धर्मपुर खण्ड के हैं जिनका पंजीकरण यूनियन के माध्यम से हुआ है।उन्होंने कहा कि एक तरफ़ राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम 350 रु दिहाड़ी अदा नहीं कर रही है और अब उसने इन मजदूरों के बच्चों को मिलने वाली शिक्षण छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा, प्रसूति, मृत्यु और पेंशन इत्यादि के लिए जो सहायता राशी मिलती थी उसे भी बन्द करने का फ़ैसला लिया है।जिसका मनरेगा मज़दूर यूनियन पुरज़ोर विरोध करेगी और सरकार को अपना फ़ैसला बदलने के लिए बाध्य करेगी।उन्होंने कहा कि यूनियन सरकार के ख़िलाफ़ संघर्ष छेड़ने का फैसला 1,2 अक्टूबर को मंडी में आयोजित हो रहे सीटू के राज्य सम्मेलन में लेगी।
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